कुछ पंक्तियाँ. . .

" वास्तव में मेरी कोई विशेष शैली नही है। कई बार लोग भ्रमित हो जाते हैं कि क्या ये पुलक बिसवास के द्वारा बनाए गए चित्र हैं ? ऐसा इसलिए क्योंकि मैं किसी भी तरह की कठोरता में विश्‍वास नही करता। "

" चित्र क्या है ? चित्र के माध्यम से आप किसी वाक्य या पॅक्ति की दृश्य के रूप में व्याख्या करते हैं या उस वाक्य को आँखो के सामने जीवित करते हैं। मेरे अनुसार चित्र केवल व्याख्या करने के लिए नही अपितु व्यक्त करने के लिए होते हैं …उसे अनुभव करना चाहिए और चित्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। "

" मैं कला में विरूपण करता हू।मैंने अपने जीवन में कई चित्रकारी/पेंटिंग्स देखी हैं और वो सभी वास्तविक नहीं होती। अगर वास्तविक हों, तो भी उनमें आप जो देखते हैं उससे कुछ अधिक ही दर्शाया जाता है। यही चित्रण में भी किया जाना चाहिए। "

" शारीरिक रचना ठीक नही है, ये ठीक नही हुआ, यह आकृति भी अच्छी नही हुई,यह सब और वास्तविक होना चाहिए। यहीं पर मैं असहमति व्यक्त करता हुँ,यह ऐसा क्यों होना चाहिए? इनमे अभिव्यक्ति और ज़्यादा होनी चाहिए ना कि ये सब जैविक हिस्से, अनुपात इत्यादि। "

-पुलक बिसवास

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